शुक्रवार, 29 सितंबर 2017

मोदी जी का मकसद सिर्फ वोट लेना नहीं देश को आगे बढ़ाना है

मोदी जी को अगर वोट ही लेना होता तो वो कभी नोटबंदी नहीं करते।

 वोट ही लेना होता तो वो कभी भी GST नहीं  लाते

 वोट ही लेना होता तो वो कभी भी तीन तलाक बैन नहीं करते

वोट ही लेना होता तो वो कभी सब्सिडियाँ ख़त्म नहीं करते

वोट ही लेना होता तो वो बीफ बैन नहीं करते

 वोट ही लेना होता तो वो अलगाववादियों के जेबें भर रहा होते

मोदी जी का हर काम सिर्फ देश हित मे हि होता हैं

*जिस देश में भारत माता की जय बोलने पर विवाद हो जाये*,

*जिस देश में गौ मांस खाने की हठ दिखाई दे*,

*जिस देश में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगते हो*,

*जिस देश में सुप्रीम कोर्ट के फैसलो को खुली चुनौती मिले*,

*ऐसे देश में कौन वोट लेना चाहेगा* ??

*ये तो उसने एक मशाल जलाई हैं*
*मिशाल बन जाने के लिए,ताकि उसके बाद हम रोये उसे याद करके*।

*खुशनसीबी सिर्फ एक बार दरवाजा खटखटाती हैं*,
*परन्तू बदनसीबी तब तक दरवाजा खटखटाती हैं जब तक दरवाजा खुल ना जाये*।

*जागो*,
*चैन से सोना हैं तो जागो वरना पछताओगे,*
*ये चला गया तो*
*रोहिंग्या भारत में नहीं तुम्हारे घरो में रह रहे होंगे*,
*तिरंगे पर गाय काटी जाएँगी*,
*दुर्गा का अपमान और महिषासुर दिवस मनाये जायेंगे*।

*जागो*,
*जय हिंद*

रविवार, 17 सितंबर 2017

कर्नल पुरोहित जैसे बेगुनाह फौजी कि जिन्दगी कांग्रेस ने तबाह कर दिया

कर्नल पुरोहित फौज की गाड़ी में फौजी अफसरों के साथ पूना जा रहे है और कथित 'खोजी मीडिया' कवरेज के लिये उनकी गाडीयों का पीछा करते हुए हांफ रहा है ...काश मीडिया ने अपनी एनर्जी पिछले नौ साल में कभी दिखाई होती !

जिस सेना की गाड़ीयों का आज पीछा कर रहे है ..उसी सेना के अफसरों का स्टिंग किया होता .. सच जानने के लिये कि कर्नल पुरोहित आखिर है क्या ?

कभी कर्नल पुरोहित की पत्नी का पहले इंटरव्यू लिया होता !

Mr. Expose ने कभी इस केस में भी अपनी कलाबाजी दिखाई होती !

कभी इस केस से जुड़े डाक्यूमेंट हासिल करने की कोशिश की होती !

एक बेकसूर फौजी जो सेना के ही खुफिया मिशन पर था ..उसकी जिंदगी काँग्रेस ने बर्बाद कर दी और समूचा स्वतंत्र मीडिया भी हाथ पर हाथ रखकर तमाशा देखता रहा .. और आज टी.आर.पी. के लिये बावले हुए जा रहे है. देश के सौ करोड़ हिन्दुओं को दो-चार लोगों पर झूठे केस करके आतंकवादी साबित करने का प्रयास किया गया और मीडिया सोनिया ,दिग्विजय , चिदंबरम और शिंदे की ताल पर नाचता रहा .. इन्होंने तब सच जानने की कोशिश भी नही की !  मिडिया अगर पहले जागी होती , या अपने जमीर को पहले टटोला होता तो .. एक कर्नल की जिंदगी बर्बाद ना होती  लेकिन अब सबको याद रखना हैं की अगर भविष्य मे भी गलती से कांग्रेस कि सरकार आयी तो पता नहीं ऐसे कितने बेगुनाह की जिन्दगी तबाह हो जायेगा
कांग्रेसी इतना याद रखना मेरे देश मे फौजी को बहुत सम्मान दिया जाता हैं और अब मेरे देश की जनता ऐसी गलती नहीं करेगी कि कोइ दुसरे कर्नल पुरोहित कि जिन्दगी बरबाद हो 

देश को बरबाद करने मे कांग्रेस ने कोइ कसर नहीं छोड़ी थी

देश का विभाजन किया कोंग्रेस ने , और देश को बांटने का आरोप RSS पर लगाते हो ?

सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश का एक हिस्सा चीन को दिया कोंग्रेस ने और कारगिल का आरोप भाजपा  पर लगाते हो ?

इमरजेंसी लागू की कोंग्रेस ने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोटने का आरोप भाजपा पर लगाते हो ?

1984 में 4000 सिखों (हिन्दू) को काट के फेक दिया कोंग्रेस ने  लेकिन  सिर्फ गुजरात  याद रहता है |

लगभग 70000 लोग मारे गए भोपाल गैस काण्ड में लेकिन आज गोरखपुर काण्ड पे हल्ला मचा रहे हो ?

एक मंत्री की बेटी के बदले 5 आतंकियों को छोड़ दिया कोंग्रेस  लेकिन 200 विमान यात्रियों के बदले 3 आतंकी छोड़ने को तुम देशद्रोह बताते हो !

बोफोर्स में दलाली तुमने खाई, नेवी वार रूम लीक , अरबों-खरबों के घोटाले से लेकर हैलीकाप्टर और जीप घोटाले किये तुमने  लेकिन प्रधान मंत्री के सूट का हिसाब मांगते हो  |याद करो वो दिन जब तुम्हारे नेहरु और इंद्रा गाँधी के सूट और साडियाँ लन्दन और पेरिस धुलने जाती थी वो भी तब जब देश की जनता के शरीर पर एक कपडा भी नहीं हुवा करता था |

आज देश में जो भी समस्या है वो तुम्हारे द्वारा पैदा की गई है, चाहे कश्मीर हो या असम हो या बंगाल हो या तमिलों का मुद्दा हो या बांग्लादेशियों का मुद्दा हो या पाकिस्तानी घुसपैठियों का मुद्दा हो या फिर महँगी शिक्षा, गरीबी, भुखमरी, बिमारी, महामारी, घटिया सडकें, लचर और महँगी स्वास्थ्य सुविधाएं, सब तुम्हारी देंन है और तुम्हारे पास कोई नैतिक अधिकार नहीं है की तुम इन मुद्दों पर मोदी सरकार को कोसो |

60 वर्ष तुमने इस देश पर राज किया है अगर उपलब्धियों पर तुम अपना अधिकार जताते हो तो नाकामियों को भी स्वीकार करो | घटिया विदेश निति को भी स्वीकार करो, अपने कमजोर और विदेशी मंद बुद्धि नेतृत्व को भी स्वीकार करो, स्वीकार करो की तुमने देश में 60 वर्षों तक मुस्लिम तुष्टिकरण निति को जीवित रखा है, तुम्हारी वजह से आज मुस्लमान वन्देमातरम का विरोध करता है और खुल कर गौहत्या का समर्थन करता है |

अगर आज हिन्दुवों में आक्रमकता बढ़ी है तो तुम्हारी वजह से, असहिष्णुता देश में बढ़ी है तुम्हारी वजह से,
लेकिन आज देश जाग गया है और खुलकर मोदी जी का सपोर्ट करता हैं और अब भविष्य मे भी कांग्रेसी तुम्हारी सरकार नहीं आयेगी तुम चाहे जितना मोदी जी के खिलाफ दुष्प्रचार करो

1965 war स्वयंसेवक संघ की भुमिका पढने के बाद गर्व होगा

स्थान -श्रीनगर (कशमीर)
समय - 1965 का युद्ध


शत्रू तेज गति से आगे बढ रहे थे कशमीर को शीघ्र सैन्य मदद चाहिए थी।

   दिल्ली के सेना कार्यालय से श्रीनगर को संदेश प्राप्त हुआ कि किसी भी परिस्थिति में श्रीनगर के हवाई अड्डे पर शत्रु का कब्जा नहीं होना चाहिए।शत्रु नगर को जीत ले ,तो भी चलेगा,किन्तु हवाई अड्डा बचना चाहिए। हम हवाई जहाज से सेना के दस्ते भेज रहे है।
       ''हवाई अड्डे पर सर्वत्र हिम के ढेर लगे हैं।हवाई जहाज उतारना अत्यंत कठिन है।"   श्रीनगर सें यह प्रतिउतर आया।

"मजदुर लगाकर तुरन्त हटाइए।चाहे कितनी भी मजदूरी देनी पड़े और इस काम के लिए कितने भी मजदूर लगाने पड़े,व्यवस्था कीजिए।"
 
'मजदूर नही मिल रहे हैं।मुसलमान मजदूरो पर इस समय भरोसा नही किया जा सकता।'

और ऐसे समय में सेना के प्रमुखों को संघ याद आया ।

रात्रि के ग्यारह बजे थे। एक सैन्य जीप संघ- कार्यालय के आगे आकर रूकी ।उसमें से एक अधिकारी उतरे।

कार्यालय में प्रमुख स्वंय सेवकों की बैठक चल रही थी।प्रेमनाथ डोगरा व अर्जुन जीं वही बैठे थें।

   सेनाधिकारी ने गंभीर स्थिति का संदेश दिया।फिर उसने पूछा- "आप हवाई अड्डे पर लगे  हिम के ढेर हटानें का कार्य कर सकेंगे क्या?"

अर्जुन जी ने कहा- "अवश्य!कितने व्यक्ति सहायता के लिए चाहिए।"

'कम से कम डेढ़ सौ,जिससे तीन-चार घंटों में सारी बरफ हट जाये।"

अर्जुन जी ने कहा - "हम छः सौ स्वयंसेवक देते है।"

"इतनी रात्रि में आप इतने.....?" सैन्य अधिकारी ने आश्चर्य से कहा

"आप हमें ले जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था कीजिए।४५ मिनट में हम तैयार है ।"

     संघ कि पद्धति का कमाल था कि तय  समय पर सभी 600 स्वयंसेवक  कार्यालय पर एकत्र होकर साथ साथ चले गये।

दिल्ली को संदेश भेजा गया-"बरफ हटाने का काम प्रारंम्भ हो गया है।हवाई जहाज कभी भी आने दें।"

"इतनी जल्दी मजदूर मिल गये क्या"

'हाँ, पर वे मजदूर नही ,सभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य हैं।'

रात्रि के डे़ढ बजे वे काम पर लग गये।२७अक्टुम्बर को प्रातः के समय प्रथम सिख रेजीमेन्ट के ३२९ सैनिक हवाई जहाज से श्रीनगर उतरे और उन्होने बड़े प्रेम से स्वंय सेवको को गले लगाया । फिर क्या था एक के बाद एक ऐसे आठ हवाई जहाज उतरे।

  उन सभी में प्रयाप्त मात्रा में शस्त्रास्त्र थे।  सभी स्वंयसेवको ने वे सारे शस्त्रास्त्र भी उतार कर ठिकाने पर रख दिये ।
 
   हवाई अड्डा शत्रु के कब्जे में जाने से बच गया। जिसका सामरिक लाभ हमें प्राप्त हुआ।

हवाई पट्टी चौड़ी करने का कार्य भी तुरन्त करना था, इसलिए विश्राम किये बिना ही स्वंयसेवक काम में जुट गये।

संदर्भ पुस्तक :-
न फूल चढे न दीप जले।

।। *नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे*।।

आपको जानकारी अच्छी लगी हो और R S S  के बारे मे जान के गर्व महसूस हुआ हो; तो इस संदेश को आगे भी भेजे

गुरुवार, 14 सितंबर 2017

बुलेट ट्रेन का विरोध क्यों कांग्रेस को क्यों तकलीफ हो रही हैं

बुलेट ट्रेन का विरोध क्यों आज  दिनभर टीवी पे देख रहा हु कि बुलेट ट्रेन आने से सबसे ज्यादा  तकलीफ कांग्रेस को हो रही हैं और हो भी क्यों ना क्यों कि कांग्रेस 60 साल तक सिर्फ घोटाला हि करती रही और आज जब मोदी जी के नेतृत्व मे देश का विकास हो रहा है। तो इनको तकलीफ होना लाजमी हैं जो काम अबतक नहीं हुआ अब वो सब हो रहा है
हम  हिंदुस्तानियों का बुलेट_ट्रेन का सपना पूरा किया मोदी जी ने काँग्रेसी तुम मातम मनाते रहो
मोदी जी जो कहते वो करके ही दम लेते और इसी तरह मोदीजी ने किया अपना एक और वादा पूरा बुलेट ट्रेन का



वैसे अगर कहीं गलती से कांग्रेस के जमाने मे बुलेट ट्रेन आती तो हजारों करोड़ का घोटाला इसमें भी हो जाता
इन्हें सिर्फ बुलेट ट्रेन से हि तकलीफ नहीं है
इन्हें वंदे मातरम् जय हिन्द जय श्री राम देश हित में कोई भी काम हो उससे भी इन्हें तकलीफ होती हैं

मंगलवार, 12 सितंबर 2017

कांग्रेस की हिन्दू विरोधी मानसिकता

अस्सी के दशक में भारत में पहली बार #रामयण जैसे हिन्दू धार्मिक सीरियलों का दूरदर्शन पर प्रसारण शुरू हुवा ...और नब्बे के दशक आते आते #महाभारत ने ब्लैक एंड वाईट टेलीविजन पर अपनी पकड मजबूत कर ली .

इसे भी पढ़े ; महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर के बीच हल्दीघाटी में हुए युद्ध के बाद अकबर मानसिक से रूप से बहुत विचलित हो गया था। अपने हरम में जब वह सोता था तब रात में नींद में कांपने लगता था। अकबर की हालात देख उसकी पत्नियां भी घबरा

जब रविवार को DD1 पर रामायण शुरू होता था ..तो देश की गलियां सुनी हो जाती थी .
अपने आराध्य को टीवी पर देखने की ऐसी दीवानगी थी की .....
रामायण सीरियल में राम बने अरुण गोविल अगर सामने आ जाते तो लोगों में उनके पैर छूने की होड़ लग जाती .इन दोनों धार्मिक सीरियलों ने नब्बे के दशक में हुवे राम जन्मभूमि आन्दोलन के पक्ष में माहौल बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई थी ..पर धर्म को अफीम समझने वाले कम्युनिस्टों से ये ना देखा गया ...

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.नब्बे के दशक में कम्युनिस्टों ने इस बात की शिकायत राष्ट्रपति से की,की एक धर्मनिरपेक्ष देश में एक समुदाय के प्प्रभुत्व को बढ़ावा देने वाली चीज़े दूरदर्शन जैसे राष्ट्रीय चैनलों पर कैसे आ सकती है ???इससे हिन्दुत्ववादी माहौल बनता है ..जो की धर्मनिरपेक्षता के लिए खतरा है ..

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इसी वजह से सरकार को उन दिनों “अकबर दी ग्रेट ”. टीपू सुलतान,अलिफ़ लैला .और ईसाईयों के लिए “दयासागर “जैसे धारावाहिकों की शुरुवात भी दूरदर्शन पर करनी पड़ी .
सत्तर के अन्तिम दशक में जब मोरार जी देसाई की सरकार थी और लालकृष्ण अडवानी सुचना और प्रसारण मंत्री थे ... तब हर साल एक केबिनट मिनिस्ट्री की मीटिंग होती थी जिसमे विपक्षी दल भी आते थे ...
मीटिंग की शुरुवात में ही एक वरिष्ठ कांग्रेसी जन उठे और अपनी बात रखते हुवे कहा की,.की ये रोज़ सुबह साढ़े छ बजे जो रेडिओ पर जो भक्ति संगीत बजता है . वो देश की धर्म निरपेक्षता के लिए खतरा है,इसे बंद किया जाए .. बड़ा जटिल प्रश्न था उनका . उसके कुछ सालों बाद बनारस हिन्दू युनिवेर्सिटी के नाम से हिन्दू शब्द हटाने की मांग भी उठी ..स्कूलों में रामयण और हिन्दू प्रतीकों और परम्पराओं को नष्ट करने के लिए .... सरस्वती वंदना कोंग्रेस शाशन में ही बंद कर दी गई ...
महाराणा प्रताप की जगह अकबर का इतिहास पढ़ाना ..ये कांग्रेस सरकार की ही दें थी .... केन्द्रीय विद्यालय(kv ) का लोगो ) दीपक से बदल कर चाँद तारा रखने का शुझाव कांग्रेस का ही था ..

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भारतीय लोकतंत्र में हर वो परम्परा या प्रतीक जो हिंदुवो के प्रभुत्व को बढ़ावा देता है को सेकुलरवादियों के अनुसार धर्म निरपेक्षता के लिए खतरा है ... किसी सरकारी समारोह में दीप प्रज्वलन करने का भी ये विरोध कर चुके है .. इनके अनुसार दीप प्रज्वलन कर किसी कार्य का उद्घाटन करना धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है,जबकि रिबन काटकर उद्घाटन करने से देश में एकता आती है ..

मोदी जी की कहानी ; थोडा समय निकालकर अवश्य पढ़े... 1990 की घटना.. आसाम से दो सहेलियाँ रेल्वे में भर्ती हेतु गुजरात रवाना हुवे. रस्ते में एक स्टेशन पर गाडी बदल कर आगे का सफ़र उन्हें तय करना था। जिस प्रकार से ठहराया उसी प्रकार से सफ़र शुरू हुआ लेकिन पहली गाड़ी में कुछ लड़को ने उनसे छेड़-छाड़ की इस वजह से अगली गाड़ी में तो


ये भूल गए है की ये देश पहले भी हिन्दू राष्ट्र था और आज भी ये सेल्फ डिक्लेयर्ड हिन्दू नेशन है .
आज भी भारतीय संसद के मुख्यद्वार पर “धर्म चक्र प्रवार्ताय अंकित है,
राज्यसभा के मुख्यद्वार पर “सत्यं वद –धर्मम चर “अंकित है .....
भारतीय न्यायपालिका का घोष वाक्य है “धर्मो रक्षित रक्षितः “.
और सर्वोच्च न्यायलय का अधिकारिक वाक्य है “यतो धर्मो ततो जयः
“यानी जहाँ धर्म है वही जीत है ..
आज भी दूरदर्शन का लोगो .. सत्यम शिवम् सुन्दरम है ..
ये भूल गए हैं की आज भी सेना में किसी जहाज या हथियार टैंक का उद्घाटन नारियल फोड़ कर ही किया जाता है ..
ये भूल गए है की भारत की आर्थिक राजधानी में स्थित बोम्बे स्टोक एक्सचेंज में आज भी दिवाली के दिन लक्ष्मी गणेश की पूजा होती है .
ये कम्युनिस्ट भूल गए है की खुद के प्रदेश जहाँ कम्युनिस्टों का 34 साल शासन,रहा वो बंगाल वहां आज भी घर घर में दुर्गा पूजा होती है .
    जय हिन्द वन्देमातरम