सोमवार, 27 नवंबर 2017

हिंदुओं के पक्ष में कब कब खड़ी हुई भाजपा

जब *गुजरात* में 59 हिन्दू जिन्दा जला दिए गए तो सब दल खड़े थे हत्यारे जिहादियों के पक्ष में *हिंदुओं के पक्ष में खड़ी हुई - भाजपा*


जब *मुजफ्फरनगर दंगे* हुए सब दल खड़े हुए दंगाई जिहादियों के पक्ष में, *हिंदुओं (जाटों)के पक्ष में खड़ी हुई भाजपा*


 जब *राम मंदिर* की बात आई, सब दल खड़े हुए बाबरी के पक्ष में *राम मंदिर के पक्ष पे खड़ी हुई भाजपा*



 जब *वन्देमातरम, भारत माता की जय की बात आई* सब दल खड़े हुए इनका विरोध करने वाले जिहादियों के पक्ष में *वन्देमातरम के पक्ष में खड़ी हुई भाजपा*



 जब *कश्मीरी पंडितों को मार काट के खदेड़ा गया* सब दल खामोश रहे, *कश्मीरी पंडितों के लिए खड़ी हुई भाजपा*



जब *कैराना* आदि से जबरन हिंदुओं को घर छोड़ने को मजबूर कर दिया गया तो सब दल जिहादियों के पक्ष में *हिंदुओं के पक्ष में खड़ी हुई भाजपा*



*दादरी* में सब दल खड़े हुए गौमांस भक्षी, गौहत्यारे अख़लाक़ के पक्ष में *दादरी में हिंदुओं और गाय के पक्ष में खड़ी हुई भाजपा*



 जब *रामसेतु* तोड़ने की बात आई, सब उसको तोड़ने के पक्ष में *रामसेतु बचाने आई भाजपा*



 *जब जब कहीं दंगा हुवा* सब दल खड़े हुए दंगाई जिहादियों के पक्ष में, *दंगा पीड़ित हिंदुओं के पक्ष में खड़ी हुई भाजपा*


 जब *हिन्दू असम, बंगाल, केरल में सताया गया* सब खामोश रहे लेकिन *हिंदुओं के पक्ष में खड़ी हुई भाजपा*

 *विकास, स्वाभिमान, सुरक्षा व् आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य के लिए आज गर्व से भाजपा को वोट दें*


 *तो आज समय है कि हर हिन्दू भाजपा के साथ खड़ा हो, भाजपा को वोट दे और दिलवाये वरना भविष्य में हिंदुओं के लिए कौन खड़ा होगा*

गुरुवार, 9 नवंबर 2017

मोदी को क्यों इतनी नफरत का सामना करना पड रहा है इसकी वजह

*नया आधार लिंक कराने से महाराष्ट्र में 10 लाख गरीब गायब हो गए!*

*उत्तरखण्ड में भी कई लाख फ़र्ज़ी बीपीएल कार्ड धारी गरीब ख़त्म हो गए !*

*तीन करोड़ (30000000 ) से जायदा फ़र्ज़ी एलपीजी कनेक्शन धारक ख़त्म हो गए !*

*मदरसों से वज़ीफ़ा पाने वाले 1,95,000 फर्ज़ी बच्चे गायब हो गए!*

*डेढ़ करोड़ (15000000 ) से ऊपर फ़र्ज़ी राशन कार्ड धारी गायब हो गए!*

*ये सब क्यों और कहाँ गायब होते जा रहे हैं !*

*चोरो का सारा काला चिटठा खुलने वाला है …इसीलिए  सारे चोर ने मिलकर माननीय सर्वोच्च न्यायलय में याचिका दायर कर दी कि आधार लिंक हमारे मौलिक अधिकारों का हनन है ! चोरों  को  प्राइवेसी का कैसा अधिकार!*

*1) कंपनी के MD :मोदी ने फर्जी 3 लाख से ज्यादा कम्पनियां  बन्द कर दी है!*

*2) राशऩ डीलर नाराज़ हो गये!*

*3) Property Dealer नाराज़ हो गये!*

*4)ऑनलाइन सिस्टम बनने से दलाल नाराज़ हो गये है!*

*5) 40,000 फर्जी NGO बन्द हो गये है, इसलिए इन  NGO के मालिक भी नाराज़ हो गये !*

*6) No 2 की Income से Property खरीद ने वाले नाराज़ हो गये!*

*7) E-Tender  होने से कुछ ठेकेदार भी नाराज़ हो गये!*

*8) गैस कंपनी वाले नाराज़ हो गये!*

*9) अब तक जो 12 करोड लोग  Income टैक्स के दायरे मै आ चुके हैं वह लोग नाराज़ हो गये!*
*10) GST सिस्टम लागू होने से ब्यापारी लोग नाराज़ हो गये, क्योकि वो लोग Automatic सिस्टम मै आ गये है!*

*11) वो 2 नम्बर  के काम बाले लोग फलना फूलना बन्द हो गये है!*

*13) Black को White करने का सिस्टम एक दम से लुंज सा हो गया है।*

*14) आलसी सरकरी अधिकारी नाराज हो गये, क्योकि समय पर जाकर काम करना पड रहा हैं!*

*15) वो लोग नाराज हो गये, जो समय पर काम नही करते थे और रिश्वत देकर काम करने मे विश्वास  करते है।*

*दुख होना लाज़मी है देश बदलाव की कहानी लिखी जा रही है,  जिसे समझ आ रही है बदल रहा है जिसे नही आ रही है वो  मंदबुध्दि युवराज के #मानसिक_गुलाम हमे अंधभक्त कह कह कर छाती कूट रहे है!*

💥 *अगर"देश के लिए"कुछ करना है, तो share कर देना

इस विडियो को देखना मत भुलना इसे इसे देखने के बाद मोदी जी कि सारी सच्चाई पता लग जायेगी


अच्छे दिन कब आयेंगे अगर आप भी अच्छे दिन का इन्तजार कर रहे हैं तो जरूर पढ़े

अच्छे  दिन कब आयेंगे

बन्दरों का एक समूह था, जो फलो के बगिचों मे फल तोड़ कर खाया करते थे। माली की मार और डन्डे भी खाते थे, रोज पिटते थे ।

उनका एक सरदार भी था जो सभी बंदरो से ज्यादा समझदार था। एक दिन बन्दरों के कर्मठ और जुझारू सरदार ने सब बन्दरों से विचार-विमर्श कर निश्चय किया कि रोज माली के डन्डे खाने से बेहतर है कि यदि हम अपना फलों का बगीचा लगा लें तो इतने फल मिलेंगे की हर एक के हिस्से मे 15-15 फल आ सकते है, हमे फल खाने मे कोई रोक टोक भी नहीं होगी और हमारे *अच्छे दिन आ जाएंगे* ।

सभी बन्दरों को यह प्रस्ताव बहुत पसन्द आया । जोर शोर से गड्ढे खोद कर फलो के बीज बो दिये गये ।

पूरी रात बन्दरों ने बेसब्री से इन्तज़ार किया और सुबह देखा तो फलो के पौधे भी नहीं आये थे ! जिसे देखकर बंदर भड़क गए और सरदार को गरियाने लगे और नारे लगाने लगे, "कहा है हमारे 15-15 फल", *"क्या यही अच्छे दिन है?"*। सरदार ने इनकी मुर्खता पर अपना सिर पिट लिया और हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हुए बोला, "भाईयो और बहनो, अभी तो हमने बीज बोया है, मुझे थोड़ा समय और दे दो, फल आने मे थोड़ा समय लगता है।" इस बार तो बंदर मान गए।

दो चार दिन बन्दरों ने और इन्तज़ार किया, परन्तु पौधे नहीं आये, अब मुर्ख बन्दरों से नही रहा  गया तो उन्होंने मिट्टी हटाई - देखा फलो के बीज जैसे के तैसे मिले ।
बन्दरों ने कहा - सरदार फेकु है, झूठ बोलते हैं । हमारे कभी अच्छे दिन नही आने वाले । हमारी किस्मत में तो माली के डन्डे ही लिखे हैं और बन्दरों ने सभी गड्ढे खोद कर फलो के बीज निकाल निकाल कर फेंक दिये । पुन: अपने भोजन के लिये माली की मार और डन्डे खाने लगे ।

 - जरा सोचना कहीं आप बन्दरों वाली हरकत तो नहीं कर रहे हो?

60 वर्ष.......3 वर्ष

एक परिपक्व समाज का उदाहरण पेश करिये बन्दरों जैसी हरकत मत करिये...
देश धीरे धीरे बदल रहा है नई नई ऊंचाइयां छू रहा है, जो भी जोखिम भरे कदम बहुत पहले ले लेने चाहिए थे, वह अब लिये जा रहे हें  आवश्यकता है तो सिर्फ और सिर्फ साथ की क्योंकि बहुत बड़े बड़े काम होने अभी बांकी हैं, धीरज रखिए ।

 । जय हिंद