शनिवार, 24 नवंबर 2018

Narendra modi kyo jaruri hai Jan lo भारत में आतंकी घटनाएँ - मोदी सरकार के पहले और बाद में

भारत में आतंकी घटनाएँ - मोदी सरकार के पहले और बाद में।
गड़बड़ यह है कि राष्ट्रीय मुद्दों पर हम भारतवासियों की याददास्त कुछ कमजोर होती है |

22 मई 2004 को अटल जी की सरकार औपचारिक रूप से विदा हुई और गांधी परिवार ने श्री मनोहन सिंह को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया।

2014 तक कांग्रेस की सरकार केंद्र में रही। तस्वीरों में दिख रहे चिथड़े हुए लोग याद हैं न? भूल गया होगा क्योंकि हमारी याददाश्त बहुत कमजोर होती है याद दिला देता हूँ।

● 15 अगस्त 2004, असम के धिमजी स्कूल में बम ब्लास्ट- (18 मरे, 40 घायल)

● 5 जुलाई 2005, अयोध्या में रामजन्मभूमि पर आतंकवादी हमला (6 मरे, दर्जनों घायल)

● 28 जुलाई 2005, जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में RDX द्वारा बम विस्फोट-(13 मरे, 50 घायल)

● 29 अक्टूबर 2005, दीपावली के त्योहार के दो दिन पहले दिल्ली के गोविंदपुरी की बस, पहाड़गंज और सरोजनी नगर के भीड़भाड़ वाले इलाके में सीरियल ब्लास्ट करके 70 लोगो के चिथड़े उड़ा दिए गए और 250 से ज्यादा घायल हुए। तारिक अहमद डार और रफीक मास्टरमाइंड।

● 28 दिसम्बर 2005, को बैंगलोर के इंस्टीट्यूट आफ साइंस पर आतंकवादी हमला 1 मरे 4 घायल।

● 7 मार्च 2006, हिंदुओं की श्रद्धा के केंद्र वाराणसी के प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर और भीडभाड वाले कैंट रेलवे स्टेशन पर 3 बम ब्लास्ट करके 28 श्रद्धालुओं, नागरिको को बम से उड़ा दिया,101 लोग घायल हुए। लश्करे कुहाब और सिमी का हाथ।

● 11 जुलाई 2006, मुम्बई में एक साथ माटुंगा रोड, माहिम, बांद्रा, खार रॉड, जोगेश्वरी, भाइंदर, बोरिवली स्टेशनों के लोकल ट्रेन में सीरियल ब्लास्ट करके 209 लोगो को बम से उड़ाया गया 700 से ज्यादा लोग घायल हुए। फैसल शेख, आसिफ अंसारी, आसिफ खान, कमल अंसारी, एहतसाम सिद्दकी और नावेद खान घटना के प्रमुख सूत्रधार।

● 8 सितंबर 2006, मालेगांव की मस्जिद में सीरियल ब्लास्ट 37 मरे 125 घायल। प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया का हाथ। बाद में चार्जशीट बदलकर हिन्दू आतंकवाद की ऐतिहासिक असफल थियरी बनाने की कोशिश हुई।

● 18 फरवरी 2007, समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट,68 मरे 50 घायल..सेना की इंटेलीजेंस ने इस्लामिक आतंकवादी संगठन लश्करे तैय्यबा का हाथ बताया। कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद बनाने के चक्कर में भारतीय सेना के कर्नल श्रीकांत पुरोहित को जेल में 7 साल भयानक यातनाएं दी गई। 9 साल बाद पुरोहित जेल से बाहर आये..

● हैदराबाद की मक्का मस्जिद में ब्लास्ट 16 मरे 100 घायल। हरक़त उल जिहाद अल इस्लामी का हाथ। कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद की असफल थियरी साबित करने की कोशिश।

● 14 अक्टूबर 2007, लुधियाना के थियेटर में ब्लास्ट 6 लोग मरे।

● 24 नवम्बर 2007, उत्तर प्रदेश में लखनऊ,अयोध्या और बनारस के न्यायालयों में सीरियल बम बलास्ट 16 मरे 79 घायल।

● 1 जनवरी 2008, रामपुर उत्तर प्रदेश में CRPF कैम्प पर हमला 8 मरे 7 घायल। लश्करे तय्यबा का हाथ।

● 13 मई 2008, जयपुर के छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़,मानकपुर पुलिस स्टेशन एरिया,जौहरी बाजार,त्रिपोलिया बाजार,कोतवाली क्षेत्र में RDX द्वारा 9 जगहों पर सीरियल ब्लास्ट 63 मरे 200 घायल..हरकत उल जिहाद उल इस्लामी ने ली जिम्मेदारी।

● 25 जुलाई 2008, बैंगलुरु में में 8 सीरियल ब्लास्ट 2 मरे 20 घायल

● 26 जुलाई 2008, गुजरात के अहमदाबाद में 17 जगहों पर सीरियल बम ब्लास्ट 35 मरे 110 घायल। मुफ़्ती अबू बशीर मास्टरमाइंड.. अब्दुल कादिर,हासिल मोहम्मद,हुसैन इम्ब्राहीम ने मिलकर कराची(पाकिस्तान) में बैठे नेटवर्क की सहायता से बम विस्फोट किये।

● 13 सितंबर 2008- दिल्ली के गफ्फार मार्केट, बारहखम्भा रोड,GK1, सेंट्रल पार्क में 31 मिनट के अंदर 5 बम ब्लास्ट हुए, 4 अन्य बम निष्क्रिय किये गए। 33 लोगो कि बम विस्फोट में मृत्यु और 150 से ज्यादा घायल। स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आठ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।

● 27 सितंबर 2008, दिल्ली महरौली के इलेक्ट्रानिक मार्केट में 2 बम ब्लास्ट 3 लोग मरे और 33 घायल।

● 1 अक्टूबर 2008, अगरतल्ला में बम विस्फोट- 4 मरे 100 घायल

● 21 अक्टूबर 2008, इम्फाल में बम विस्फोट- 17 मरे 50 घायल

● 30 अक्टूबर 2008, असम में बम विस्फोट- 81 मरे और 500 से ज्यादा घायल

● 28 नवम्बर 2008, का मुम्बई हमला ताज होटल,ओबेराय होटल,कामा हॉस्पिटल, नरीमन हाउस, लियोपोल्ड कैफे,छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर आतंकवादी हमला 166 लोग मारे गए 600 से ज्यादा घायल।

● 1 जनवरी 2009, गुवाहाटी में बम ब्लास्ट 6 मरे 67 घायल

● 6 अप्रैल 2009, गुवाहाटी में बम ब्लास्ट 7 मरे 62 घायल

● 13 फरवरी 2010, पुणे की जर्मन बेकरी में बम ब्लास्ट,17 मरे 70 घायल सिमी इंटरनेशनल मुजाहिद्दीन इस्लामिक मुस्लिम फ्रंट के भारतीय शाखा द्वारा किया गया बम ब्लास्ट

● 7 दिसम्बर 2010, दशास्वमेध घाट पर गंगा आरती के समय बम ब्लास्ट। 3 मरे 36 घायल स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।

● 13 जुलाई 2011, मुबई के ओपेरा हाउस,जावेरी बाज़ार और दादर एरिया में भीषण बेम ब्लास्ट 26 मरे 130 लोग घायल। स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।

● 7 सितंबर 2011, दिल्ली हाईकोर्ट में बम ब्लास्ट, 17 मरे और 180 लोग घायल। हरकत उल जिहाद अल इस्लामी के आउटफिट का भारतीय मेडिकल छात्र वसीम अकरम मालिक बम बलास्ट का मास्टरमाइंड।

● 13 फरवरी 2011, इजराइली डिप्लोमेट की कार को बम से उड़ाने का प्रयास, बम सही से फटा नही। 4 घायल। भारतीय पत्रकार मुहम्मद अहमद काज़मी की संलिप्तता।

● 1 अगस्त 2012, पुणे ब्लास्ट। स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।

● 21 फरवरी 2013, हैदराबाद की हैदाराबाद में 2 बम ब्लास्ट। 18 लोग मारे गए और 131 घायल। इंडियन मुजाहिद्दीन का फाउंडर यासीन भटकल,असदुल्लाह अख्तर,तहसीन अख्तर,एजाज शेख बम ब्लास्ट के मास्टरमाइंड।

● 17 अप्रैल 2013, बैंगलोर में बम ब्लास्ट,14 लोग गंभीर रुप से घायल

● 7 जुलाई 2013, बोधगया मे ब्लास्ट 5 लोग गंभीर रूप से घायल। म्यांमार में रोहंगिया आतंकवादियों के खिलाफ हुई कार्यवाही के विरोध में भारत के बिहार के बोध गया में उमर सिद्दीकी,अजहरुद्दीन कुरैशी,मुजीबुल्लाह अंसार,हैदर अली,इम्तियाज अंसारी ने बिहार को दहलाने की रची थी साजिश

● 27 अक्टूबर 2013, को पटना में,नरेंद्र मोदी की रैली में इंडियन मुजाहिद्दीन द्वारा 8 बम ब्लास्ट,6 मरे 85 घायल।लाखो की भीड़ में भगदड़ मचा कर हजारो को मारने की साजिश। मोदी और मैनेजरों की समझदारी से भगदड़ नही मची। मोहम्मद तहसीन अख्तर मास्टरमाइंड। चिकमंगलूर मदरसे से प्रेरित होकर किया ब्लास्ट। मुज़्बुल्ला, हैदर अली,नुमान,तारिक अंसारी ब्लास्ट के बाद फरार

● 1 मई 2014, चेन्नई में गुवाहाटी बैंगलोर एक्सप्रेस में बम बलास्ट 2 मरे 14 गंभीर रूप से घायल।

इन आंकड़ों में 10 साल में हुए वामपंथी माओवादियो द्वारा किये गए हमले और जम्मू कश्मीर में किये गए हमले शामिल नही है, क्योंकि वो अलग विषय है।

यहां एक बात और याद दिलाना जरूरी है कि जब बाटला हाउस एनकाउंटर हुआ था और इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी उस में मारे गए तो तत्कालीन कांग्रेस की मुखिया श्रीमती सोनिया गांधी उन आतंकवादियों की लाशों को देखकर फूट फूट कर रोई थी. जैसे कि कोई अपने घर का चला गया हो ..

अब आते हैं असली मुद्दे पर 2014 में मोदी के आने के बाद से दिसंबर 2018 में इस लेख के लिखे जाने तक मुझे याद नहीं कि दिल्ली की सड़कों, हैदराबाद, अहमदाबाद और अयोध्या के चौराहों पर, जयपुर और बनारस की गलियों में कोई ऐसा बम ब्लास्ट हुआ हो जहां कोई मंदिर या मस्जिद जाने वाला, कोई दिवाली के लिए खरीदारी करने वाला ,कोई रेस्टोरेंट में अपने परिवार के साथ बैठा व्यक्ति या मुम्बई की लोकल ट्रेन में यात्रा करता एक नागरिक बम ब्लास्ट में चीथड़े ही जाए और अगले दिन वह नहीं बल्कि उसकी लाश उसके घर पहुंचे। जानते हैं क्यों? क्योंकि इस देश में इलेक्टेड प्रधानमन्त्री Narendra Modi का राज है जबकि आज से पहले आतंकवादियों के लाश पर आँसू बहाने वालों द्वारा सेलेक्टेड प्रधानमंत्री का राज था।

Rajnath Singh को निन्दनाथ हमने बहुत बार कहा मगर गृहमंत्री के रूप में सफल कार्यकाल रहा कि देश के अंदर वो रक्तपात नही हुआ जिसका गवाह ये देश 2004 से 2014 तक बना।

जय हिन्द जय भारत

रविवार, 11 नवंबर 2018

*1947 के बाद पाकिस्तान की सरकार ने लाखों गलियों, मुहल्लो, नगरो,जिलों,सड़कों के नाम बदल दिए पुरातन वास्तविक नाम हटा कर इस्लामिक नाम रख दिए यही हाल मुगलों ने हिंदुस्तान का भी किया था सभी पुरातन वास्तविक नाम बदल दिए थे इस्लामिक नाम रख दिए थे लेकिन 70सालो में किसी सरकार ने पुराने वास्तविक नाम रखने की हिम्मत नहीं दिखाई ...* इस लिए चिलाओ मत जो गलत था उसे सही किया जा रहा हैं नहीं यकीन तो अपने *पूर्वजों* से पूछ लो...गद्दार नहीं देश भक्त बनो

*क्या आप जानते हैं कि हमारे देश व शहरों के असली नाम क्या थे ?*🤔🧐😟

*१. हिन्दुस्तान, इंडिया या भारत का असली नाम - आर्यावर्त्त !*
*२. कानपुर का असली नाम - कान्हापुर !*
*३. दिल्ली का असली नाम - इन्द्रप्रस्थ !*
*४. हैदराबाद का असली नाम - भाग्यनगर !*
*५. इलाहाबाद का असली नाम - प्रयाग !*
*६. औरंगाबाद का असली नाम - संभाजी नगर !*
*७. भोपाल का असली नाम - भोजपाल !*
*८. लखनऊ का असली नाम - लक्ष्मणपुरी !*
*९. अहमदाबाद का असली नाम -  कर्णावती !*
*१०. फैजाबाद का असली नाम - अवध !*
*११. अलीगढ़ का असली नाम - हरिगढ़ !*
*१२. मिराज का असली नाम - शिव प्रदेश !*
*१३. मुजफ्फरनगर का असली नाम - लक्ष्मी नगर !*
*१४. शामली का असली नाम - श्यामली !*
*१५. रोहतक का असली नाम - रोहितासपुर !*
*१६. पोरबंदर का असली नाम - सुदामापुरी !*
*१७. पटना का असली नाम - पाटलीपुत्र !*
*१८. नांदेड का असली नाम - नंदीग्राम !*
*१९. आजमगढ का असली नाम - आर्यगढ़ !*
*२०. अजमेर का असली नाम - अजयमेरु !*
*२१. उज्जैन का असली नाम - अवंतिका !*
*२२. जमशेदपुर का असली नाम काली माटी !*
*२३. विशाखापट्टनम का असली नाम - विजात्रापश्म !*
*२४. गुवाहटी का असली नाम - गौहाटी !*
*२५. सुल्तानगँज का असली नाम - चम्पानगरी !*
*२६. बुरहानपुर का असली नाम -  ब्रह्मपुर !*
*२७. इंदौर का असली नाम - इंदुर !*
*२८. नशरुलागंज का असली नाम - भीरुंदा !*
*२९. सोनीपत का असली नाम - स्वर्णप्रस्थ !*
*३०. पानीपत का असली नाम - पर्णप्रस्थ !*
*३१.बागपत का असली नाम - बागप्रस्थ !*
*३२. उसामानाबाद का असली नाम - धाराशिव (महाराष्ट्र में) !*
*३३. देवरिया का असली नाम - देवपुरी ! (उत्तर प्रदेश में)*
*३४. सुल्तानपुर का असली नाम - कुशभवनपुर*
*३५. लखीमपुर का असली नाम - लक्ष्मीपुर ! (उत्तर प्रदेश में)*
*३६. मुरैना का असली नाम - मयुरवन*

*यह सभी नाम मुगलों व अंग्रेजों द्वारा बदले गये हैं*


    लेकिन अब धीरे धीरे सभी नाम बदले जायेंगे

मोदी ने हिंद महासागर में बसाए भारत के दो ‘सीक्रेट आइलैंड

मोदी ने हिंद महासागर में बसाए भारत के दो ‘सीक्रेट आइलैंड’

ये एक ऐसी खबर है जिसके बारे में हमारे देश में ज्यादातर लोगों को पता नहीं है। दरअसल यह भारत का एक सीक्रेट मिशन है, जिसने चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों की नींद उड़ा रखी है।

भारत की समुद्री सीमा से दूर हिंद महासागर में 2 फौजी अड्डे स्थापित किए जा चुके हैं। मतलब यह कि भारतीय सेना ने इन आइलैंड पर अपना मिलिट्री बेस बनाया है। दुनिया के नक्शे में इन दोनों द्वीपों की लोकेशन इतनी जबर्दस्त है कि चीन और पाकिस्तान परेशान हैं।

इनके नाम हैं- अगालेगा और अजंप्शन आइलैंड। (नीचे मैप में देखें) इन द्वीपों पर भारतीय सेना आधुनिक हथियारों और साजो-सामान के साथ मौजूद है। बेहद खुफिया तरीके से यहां भारतीय सेना खुद को मजबूत बनाने में जुटी है।

अगालेगा आइलैंड पर तो भारत ने बाकायदा एयरपोर्ट भी बनाया है। जबकि अज़ंप्शन आइलैंड पर आने जाने के लिए हवाई पट्टी बनाई गई है। इन दोनों आइलैंड्स को भारत को सौंपे जाने पर चीन और यहां तक कि भारत के वामपंथी पत्रकारों ने बहुत अड़ंगेबाजी की।

इस सैनिक समझौते के खिलाफ कई झूठी खबरें उड़वाई गईं। आज इन दोनों द्वीपों पर क्या चल रहा है इसका बाकी दुनिया सिर्फ अंदाजा लगा सकती है। क्योंकि यहां भारतीय सेना के अलावा किसी को जाने की छूट नहीं है।

नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद संभालने के फौरन बाद जिन देशों की यात्रा की थी, उनमें मॉरीशस और सेशेल्स भी थे। सरकार ने औपचारिक तौर पर बताया कि ये दौरा दोनों देशों के आपसी रिश्ते सुधारने और काले धन पर बातचीत के लिए है। लेकिन असली मकसद कुछ और ही था।

इस यात्रा में मोदी ने सेशल्स और मॉरीशस को इस बात के लिए मना लिया कि वो अपने 1-1 द्वीप भारत को लीज़ पर देंगे। इसी दौरे में शुरुआती समझौते पर दस्तखत भी कर लिए गए।


अगालेगा आइलैंड मॉरीशस में पड़ता है, जबकि अजंप्शन द्वीप सेशेल्स देश का हिस्सा है। हिंद महासागर में ये वो लोकेशन थी जिसके महत्व की चीन को भी कल्पना नहीं थी। डील पर दस्तखत होने के कुछ दिन बाद जब मामला मीडिया में आया तो भारत में चीन के लिए प्रोपेगेंडा करने वाले पत्रकार और चीन सरकार बुरी तरह बौखला गए।

यही वो समय था जब मीडिया ने पीएम मोदी की विदेश यात्राओं की खिल्ली उड़ानी शुरू कर दी। क्योंकि उन्हें लग गया था कि पीएम मोदी इन यात्राओं के जरिए कुछ ऐसा कर रहे हैं जो वो नहीं चाहते कि मीडिया को पता चले।

इन दोनों द्वीपों के लिए की गई संधियों को रद्द कराने के लिए वहां के विपक्षी दलों के जरिए भी दबाव बनाए गए। इन्हीं का नतीजा था कि अज़ंप्शन आइलैंड के लिए आखिरी समझौते पर दस्तखत जनवरी 2018 में हो सका।

अगालेगा आइलैंड मॉरीशस के मुख्य द्वीप से 1100 किलोमीटर दूर उत्तर यानी भारत की तरफ है। ये सिर्फ 70 वर्ग किलोमीटर दायरे में है। इसी तरह सेशल्स का अज़ंप्शन आइलैंड वहां के 115 द्वीपों में से एक है। ये सिर्फ 11 वर्ग किमी की जमीन है, जो कि मेडागास्कर के उत्तर में हिंद महासागर में है।

भारत अरब देशों से कच्चा तेल खरीदता है। ये तेल हिंद महासागर के रास्ते ही आता है। कच्चा तेल जिस रूट से आता है वो उन जगहों से काफी करीब है जहां पर चीन बीते कुछ साल में अपना दबदबा बना चुका है। वो इन जगहों पर बैठे-बैठे जब चाहे भारत की तेल की सप्लाई लाइन काट सकता है।

ऐसे में भारत को समंदर में एक ऐसी लोकेशन की जरूरत थी, जहां से वो न सिर्फ अपने जहाजों को सुरक्षा दे सके, बल्कि जरूरत पड़ने पर चीन की सप्लाई लाइन पर भी वार कर सके। ये वो रणनीति थी जिसकी कल्पना चीन भी नहीं कर सका था।

उसे भरोसा था कि भारत की सरकारें हिंद महासागर पर कब्जे की चीन की रणनीति को कभी समझ नहीं पाएंगी। चीन के रणनीतिकार अपने इस प्लान को ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ (मोतियों की माला) कहता है। ये वो रणनीति है जिससे उसने एक तरफ भारत को दबोच लिया था साथ ही अमेरिका के लिए भी मुश्किल हालात पैदा कर दिए थे।

पीएम मोदी ने इस खतरे को भांपते हुए चीन के जवाब में ‘स्ट्रिंग ऑफ फ्लावर्स’ (फूलों की माला) नाम से रणनीति बनाई। इसी के तहत सबसे पहले अज़म्प्शन और अगलेगा आइलैंड को लीज़ पर लिया गया।

ये दोनों द्वीप आज चीन की आंखों में किरकिरी बने हुए हैं। क्योंकि वहां से भारत ने पूरे हिंद महासागर पर घेरा बना लिया है। फिलहाल इन द्वीपों पर बुनियादी ढांचा विकसित करने का काम तेजी से चल रहा है। दोनों द्वीपों पर कुछ लोग रहते भी थे, जिन्हें भारतीय सेना ने ही दूसरी जगहों पर घर बनाकर बसा दिया है। अब इन दोनों द्वीपों पर भारतीयों के अलावा किसी को जाने की इजाज़त नहीं है।

पिछले दिनों अमेरिका ने भारत को 22 गार्जियन ड्रोन देने पर रजामंदी जताई है, इन ड्रोन से इस पूरे रीजन के समुद्र पर निगरानी की जाएगी। अमेरिका भी चाहता है कि हिंद महासागर के इस इलाके में चीन को बहुत ताकतवर न होने दिया जाए। लिहाजा वो भारत के साथ सहयोग कर रहा है

दरअसल भारत से दूर दुनिया भर में मिलिट्री बेस बनाने का आइडिया पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का था। उनकी सरकार के वक्त इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू भी किया गया था। लेकिन इसी दौरान 2004 में वो चुनाव हार गए। इसके बाद आई मनमोहन सरकार ने इस पूरे प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

10 साल तक इस पर एक भी काम आगे नहीं बढ़ा। 2014 में जब नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो उन्होंने सबसे पहले जो फाइलें क्लियर कीं, उनमें से एक इसके बारे में भी थी। वाजपेयी की सोच थी कि दुनिया में ताकतवर मुल्क बनना है तो कुछ ऐसा करना होगा जिससे कोई दुश्मन आंख उठाकर देखने की भी हिम्मत न करे।



अमेरिका, रूस, ब्रिटेन जैसे देशों ने पूरी दुनिया में ऐसे द्वीपों पर मिलिट्री बेस बना रखे हैं। वाजपेयी के वक्त ही ताजिकिस्तान के फारखोर में भारत ने अपना पहला एयरफोर्स बेस स्थापित किया था। लेकिन हिंद महासागर पर दबदबे का उनका सपना अधूरा रह गया।

अगालेगा और अज़ंप्शन आइलैंड पर फिलहाल सिर्फ भारतीय सेना को जाने की छूट है। दोनों जगहों पर जा चुके नौसेना के एक जवान ने बताया था कि ये दोनों द्वीप बेहद खूबसूरत हैं। चारों तरफ नीले समुद्र से घिरे इन द्वीपों पर अब तक बहुत कम आबादी रही है। सेना की कोशिश है कि यहां की कुदरती खूबसूरती को बनाए रखते हुए यहां के बुनियादी ढांचे का विकास किया जाए।

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