शनिवार, 25 मार्च 2017

भा.ज.पा. राज मोदी योगी राज

 जाति पाॅत के बंधन तोडो
फूल कमल से नाता जोडो

🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

 गुंडाराज हटाना है
कमल का बटन दबाना है

🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

‬: जाति भेद ने किया है नाश
अब है केवल भाजपा से आश

🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

‬: राष्ट्रवाद की अलख जलाओ
सारे मिलकर कमल खिलाओ
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

भा.ज.पा.  राज मोदी योगी राज

बुधवार, 22 मार्च 2017

Modi ji jab Banaras me the

जब नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरे दिन बनारस में रैली कर रहे थे और लगातार १४ घंटे भाषण , दर्शन , बयान , कार्यकर्ताओं से मिलना और अभिवादन स्वीकार करना, रात  को मोदी जी दिल्ली लौट जायेंगे..!!

एक टीस सी मन में उठी...!!

ये आदमी रोज १८ घंटे काम करता है, पैसे के लिए नहीं, खानदान के लिए नहीं, अपनी आने वाली पीढी के लिए नहीं बस एक सपने के लिए, देश के लिए, भूखे गरीब के कटोरे में रोटी का एक टुकड़ा डालने के लिए और एक उद्देश्य विशेष के लिए....!!

अभी रात को घर पहुंचेगा, थका मांदा, पूरे दिन के अनुभव मन में संजोये, यंत्र की तरह काम करते भावहीन कर्मचारियों के बीच अकेला.
एक दम अकेला
 और
चुप चाप अपने सूने से कमरे में जाकर सो जायेगा।

कोई ये नहीं पूछेगा की " बेटा थक गया क्या ?

आज तेरे पसंद का ढोकला बना दूं। सुन एक ग्लास गर्म दूध हल्दी के साथ पीकर सोना, कल सुबह उठकर गुजरात जाना है।

राजनीती के क्रूर रास्ते, चाटूकार और स्वार्थी लोगों का जमावड़ा, न कोई दोस्त न हमदर्द।

रूखा सा जीवन।

काम काम और काम सालों साल पूरा जीवन।

अभिभूत हूँ....!!!

 गौरान्वित हूँ....!!

और ऐसे महान आत्मा व्यक्ति पर लोग अनर्गल आरोप और लांछन लगाते हैं, दिन रात कोसते हैं, गालियां देते हैं? 🤔🤔

सचमुच लगता है लोगो के गिरने की कोई हद नही होती।

शुक्रवार, 10 मार्च 2017

Dosto modi rajya agaya up me purd bahumat

Mehnat rang lai rang lai

राजतिलक की करो तैयारी, आ रहे हैं भगवाधारी🚩🚩🚩
यु पी मै
नमो राज
         जय श्री राम

अंतिम विजय हमारी होगी, निश्चित ये परिणाम है!
उन्हें पराजित कौन करेगा, जिनके रक्षक श्रीराम हैं! 🚩

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एक शेर को रोकने केलिए कितने भी गीदड़ इक्कठे हो जाए…पर विजय सिर्फ शेर की ही होती है। बस…उत्तर प्रदेश चुनाव का भी इस बार कुछ ये ही हाल है॥


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 मोदी जी जीस समय बनारस मे थे। एक काग्रेसी मित्र ने ये पोस्ट कि अपनी वाल पे-:
वैसे मोदीजी 3 दिन काशी में रुक कर करना क्या चाह रहे हैं ?
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मेने भी कमेन्ट कर दिया -:
विपक्षियों का पिंड-दान


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: *खत्म हुआ वनवास राम का फिर दिवाली आई है।*

*कौशल्या की आँखों में फिर से खुशहाली छायी है।।*

*अन्धकार का वक्ष चीर कर फिर से सूरज निकला है।*
*भारतीय परिधान ओढ़ कर देखो जनमत निकला है।।*

*वंशवाद का नाश हुआ तब जाकर यह दिन आया है।*

*बड़े दिनों के बाद अवध में केसरिया लहराया है।।।*                  
       जय सिया राम