जब नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरे दिन बनारस में रैली कर रहे थे और लगातार १४ घंटे भाषण , दर्शन , बयान , कार्यकर्ताओं से मिलना और अभिवादन स्वीकार करना, रात को मोदी जी दिल्ली लौट जायेंगे..!!
एक टीस सी मन में उठी...!!
ये आदमी रोज १८ घंटे काम करता है, पैसे के लिए नहीं, खानदान के लिए नहीं, अपनी आने वाली पीढी के लिए नहीं बस एक सपने के लिए, देश के लिए, भूखे गरीब के कटोरे में रोटी का एक टुकड़ा डालने के लिए और एक उद्देश्य विशेष के लिए....!!
अभी रात को घर पहुंचेगा, थका मांदा, पूरे दिन के अनुभव मन में संजोये, यंत्र की तरह काम करते भावहीन कर्मचारियों के बीच अकेला.
एक दम अकेला
और
चुप चाप अपने सूने से कमरे में जाकर सो जायेगा।
कोई ये नहीं पूछेगा की " बेटा थक गया क्या ?
आज तेरे पसंद का ढोकला बना दूं। सुन एक ग्लास गर्म दूध हल्दी के साथ पीकर सोना, कल सुबह उठकर गुजरात जाना है।
राजनीती के क्रूर रास्ते, चाटूकार और स्वार्थी लोगों का जमावड़ा, न कोई दोस्त न हमदर्द।
रूखा सा जीवन।
काम काम और काम सालों साल पूरा जीवन।
अभिभूत हूँ....!!!
गौरान्वित हूँ....!!
और ऐसे महान आत्मा व्यक्ति पर लोग अनर्गल आरोप और लांछन लगाते हैं, दिन रात कोसते हैं, गालियां देते हैं? 🤔🤔
सचमुच लगता है लोगो के गिरने की कोई हद नही होती।
एक टीस सी मन में उठी...!!
ये आदमी रोज १८ घंटे काम करता है, पैसे के लिए नहीं, खानदान के लिए नहीं, अपनी आने वाली पीढी के लिए नहीं बस एक सपने के लिए, देश के लिए, भूखे गरीब के कटोरे में रोटी का एक टुकड़ा डालने के लिए और एक उद्देश्य विशेष के लिए....!!
अभी रात को घर पहुंचेगा, थका मांदा, पूरे दिन के अनुभव मन में संजोये, यंत्र की तरह काम करते भावहीन कर्मचारियों के बीच अकेला.
एक दम अकेला
और
चुप चाप अपने सूने से कमरे में जाकर सो जायेगा।
कोई ये नहीं पूछेगा की " बेटा थक गया क्या ?
आज तेरे पसंद का ढोकला बना दूं। सुन एक ग्लास गर्म दूध हल्दी के साथ पीकर सोना, कल सुबह उठकर गुजरात जाना है।
राजनीती के क्रूर रास्ते, चाटूकार और स्वार्थी लोगों का जमावड़ा, न कोई दोस्त न हमदर्द।
रूखा सा जीवन।
काम काम और काम सालों साल पूरा जीवन।
अभिभूत हूँ....!!!
गौरान्वित हूँ....!!
और ऐसे महान आत्मा व्यक्ति पर लोग अनर्गल आरोप और लांछन लगाते हैं, दिन रात कोसते हैं, गालियां देते हैं? 🤔🤔
सचमुच लगता है लोगो के गिरने की कोई हद नही होती।
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