शनिवार, 20 जनवरी 2018

सुप्रीम कोर्ट के चार जज को क्यू लगा कि लोकतंत्र खतरे में हैं

सुबह चार जज CJI से मिलते हैं , लेटर देते हैं और लेटर पर जवाब / फैसला ना मिलने पर दोपहर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जनता के सामने अपना रोना दुखना लेकर बैठ जाते हैं । ये वही जज है जो सालों–साल आम आदमी के केस दबाए रखते हैं और उस पर फैसला नहीं देते

लोकतंत्र नहीं देश के गद्दार खतरे में हैं

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 #लोया के केस से संबंधित फाइल अरुण मिश्रा को क्यों दी ?

33 साल बाद #84दंगा केसों की फाइल दोबारा क्यों खोली ?

CJI साहब आप की मनमानी कब तक चलेगी ?

लोकतंत्र नहीं देश के गद्दार खतरे में हैं

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 दीपक मिश्रा (CJI) ने कल 1984 के सिख विरोधी दंगो की फ़ाइल फिर से खुलवाने का आदेश दिया जिसमें कांग्रेस के नेताओं का बहुत बड़ा हाथ और उसके एक दिन बाद UPA सरकार द्वारा नियुक्त 4 जज आते हैं और कहते हैं कि "लोकतंत्र खतरे में है",
क्या यह महज इत्तेफाक है?


लोकतंत्र नहीं देश के गद्दार खतरे खतरे में है।







सुप्रीम #कोर्ट के जज अपनी बात कोर्ट के बाहर , सिस्टम के बाहर रखते हैं ।

और #राहुल #गांधी अपनी बात देश के बाहर , #बहरीन में रखते हैं । यह भी एक अजब संयोग है ।

 लोकतंत्र नहीं देश के गद्दार खतरे में हैं


विश्व में भारत की छवि बिगाड़ने के लिए पहले बहरीन में राहुल का भाषण फिर जज साहब की प्रेस काँफ़्रेंस को एक प्रयास के रूप में देखा है।




*#  बिलबिलाहट* 
 दरअसल लफड़ा ये है कि
- फरवरी मे राम मंदिर की सुनवाई होनी है
-फिर कोल ब्लाक घोटाले की सुनवाई
-उसके बाद नैशनल हैराल्ड की तारीख आने वाली है
 -इधर CJI ने 370 पर विचार करने का मन बना लिया है।.
 -NGT का दायरा सीमित करने की बात भी हो रही है
और ये
सारी बातें कान्ग्रैस के विरूद्ध जाएगीं
 *तो सीधी बात है कि नमक का हक तो बजाना पडैगा*
           


शक तो 2जी घोटाले के फैसले ने ही पैदा कर दिया था।
और अब तो आपने साबित  भी कर दिया।
कांग्रेसी नमक का फर्ज भी तो अदा करना है।


 मियाँलार्ड भी बिलो से बाहर आ गए..

मतलब मोदी सरकार सही दिशा में काम कर रही है..



देश पर इमरजेंसी थोपकर लाखो को जेल मे ठूंसा गया तब लोकतंत्र मजबूत था।
दिल्ली की सड़को पर सिखो का कत्लेआम हुआ तब लोकतंत्र मजबूत था।
जब कश्मीरी पंडितो को उनके घर से मारा गया तब भी लोकतंत्र मजबूत था
अब, 3 साल मे मोदीजी ने ऐसा क्या किया कि लोकतंत्र खतरे मे आ गया!!!




लोकतंत्र नहीं देश के गद्दार खतरे में हैं


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