#रामायण में जब #श्रीराम जी को बनवास में अपने पिता राजा दशरथ की मृत्यु का समाचार मिलता है तो प्रभु राम भी रोते है दुःखी होते हैं पर भावना पर काबू रखते हुए,अपनी प्रतिज्ञा नहीं तोड़ते बल्कि पूरा वनवास काटकर ही अयोध्या लौटते हैं ।
अभी कुछ दिन पहले ऐसा ही दृश्य एकबार पुनः जीवंत हो उठा महान #योगीजी को जब अपने पिता के मृत्यु का समाचार मिला तब वो मीटिंग कर रहे थे,आंखे नम हो गयी ,पर मीटिंग समाप्त नही की
पिता का स्वर्गवास हो गया अगला अधिकारियों के साथ बैठकर मीटिंग कर रहा है कि अपने प्रदेश में कोरोना संकट से कैसे निपटा जाय
अंतिम दर्शन करने भी नही जा रहे बोले मेरा कर्तव्य मुझे कह रहा है कि तुम्हे प्रदेश की जनता के बीच रहना चाहिए और तो और, घर वालों को बोल दिया भीड़ इक्क्ठा न करे
क्या उस आदमी को उस बाप के वो कंधे नही याद आ रहे होंगे जिन पर चढ़ कर दुनिया देखें होंगे ?
या फिर वो उँगलियॉ जिन्हें पकड़ कर जीवन का प्रथम डग भरे होगे ?
वो बाहें, जिनको तकिया बनाकर सो जाते थे। ?
या फिर वो आँखे जो अंतिम क्षण इंतजार कर रही थीं कि एक बार पुत्र को देख लूँ ?
लेकिन नही,
अगले को इन सबकी याद नही आई उसे ख्याल आया कि वह भारत के एक सूबे के मुखिया हैं और उनकी जरूरत 22-23 करोड़ लोगों को है और फिर उन्होंने वही किया जो कभी लौह पुरुष कहे जाने वाले #सरदार_पटेल किए थे
इस देश के सारे राजनेताओं को
#योगी_आदित्यनाथ से सीखना चाहिए
यकीन मानिए ये पोस्ट लिखते मेरी खुद की आँखे भर आयी है और यहां तो अगले ने संसार खो दिया अपना
आज #योगी_जी ने अपना कद कहि ज़्यादा ऊपर कर लिया आपने बता दिया आप #महामानव हो #उत्तर_प्रदेश ये #देश
हर #सनातनी आपका कर्जदार बन गया
धन्य है वो पिता जिसका खून आपकी रगों में दौड़ रहा है धन्य है वो माँ जिसकी पावन कोख से आपने जन्म लिया 🙏🙏🙏🙏
अभी कुछ दिन पहले ऐसा ही दृश्य एकबार पुनः जीवंत हो उठा महान #योगीजी को जब अपने पिता के मृत्यु का समाचार मिला तब वो मीटिंग कर रहे थे,आंखे नम हो गयी ,पर मीटिंग समाप्त नही की
पिता का स्वर्गवास हो गया अगला अधिकारियों के साथ बैठकर मीटिंग कर रहा है कि अपने प्रदेश में कोरोना संकट से कैसे निपटा जाय
अंतिम दर्शन करने भी नही जा रहे बोले मेरा कर्तव्य मुझे कह रहा है कि तुम्हे प्रदेश की जनता के बीच रहना चाहिए और तो और, घर वालों को बोल दिया भीड़ इक्क्ठा न करे
क्या उस आदमी को उस बाप के वो कंधे नही याद आ रहे होंगे जिन पर चढ़ कर दुनिया देखें होंगे ?
या फिर वो उँगलियॉ जिन्हें पकड़ कर जीवन का प्रथम डग भरे होगे ?
वो बाहें, जिनको तकिया बनाकर सो जाते थे। ?
या फिर वो आँखे जो अंतिम क्षण इंतजार कर रही थीं कि एक बार पुत्र को देख लूँ ?
लेकिन नही,
अगले को इन सबकी याद नही आई उसे ख्याल आया कि वह भारत के एक सूबे के मुखिया हैं और उनकी जरूरत 22-23 करोड़ लोगों को है और फिर उन्होंने वही किया जो कभी लौह पुरुष कहे जाने वाले #सरदार_पटेल किए थे
इस देश के सारे राजनेताओं को
#योगी_आदित्यनाथ से सीखना चाहिए
यकीन मानिए ये पोस्ट लिखते मेरी खुद की आँखे भर आयी है और यहां तो अगले ने संसार खो दिया अपना
आज #योगी_जी ने अपना कद कहि ज़्यादा ऊपर कर लिया आपने बता दिया आप #महामानव हो #उत्तर_प्रदेश ये #देश
हर #सनातनी आपका कर्जदार बन गया
धन्य है वो पिता जिसका खून आपकी रगों में दौड़ रहा है धन्य है वो माँ जिसकी पावन कोख से आपने जन्म लिया 🙏🙏🙏🙏
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