कुलभूषण जी पर अंतर्राष्ट्रीय अदालत के रुख पर सबको बधाई और भारत विरोधियों को नसीहत देती मेरी रचना -
रचनाकार -कवि देवेन्द्र प्रताप सिंह "आग",
धन्य हरीश साल्वे जी जो बने मसीहा भूषण के
थूका है आज़ उन्होंने मुँह पर उस स्वराज के भूषण के
ये एक तमाचा ही समझो पाकिस्तानी मंसूबों पर
गहरा हो गया कुठाराघात पाकिस्तानी महबूबों पर
दुनिया देखे अब दौर नहीँ जब हम घुट-घुटकर जीते थे
बेबस होते सबके आगे शोणित के आँसू पीते थे
पूरब पश्चिम की सीमा पर हम नाक रगडते रहते थे
हिम्मत का था ना अता-पता दिन रात तड़पते रहते थे
लेकिन जबसे छप्पन इंची सीने की ताकत पायी है
हमने दुनिया से सीना तान-तानकर नज़र मिलायी है
सरहद के पार नहीँ मतलब, आघात भी नहीँ सह सकते
कोई यदि आँख उठाता है तो मौन भी नहीँ रह सकते
म्यांमारी सरहद का किस्सा या पाक-सर्जिकल देखा है
पाषाण ही बनकर टूटे यदि दुश्मन ने पत्थर फेंका है
माना बलिदान हुआ ज्यादा पर जयचंदों के करनी से
पर आतंकी भी पार नहीँ पाए सुनलो वैतरणी से
हमने खोले हैं हाथ बँधे दुनिया को दमखम दिखा दिया
मिन्नतें नहीँ कीं दुश्मन से उनके मुँह जूता टिका दिया
देखो पिछली सरकारों के डरपोक, कायरो चापलूसो देखो, हम तुष्टिकरण में फंसकर वह आभूषण तोड़ नहीँ सकते
असहाय मौत के मुँह में हम कुलभूषण छोड़ नहीँ सकते
भारत माता का बेटा है वह है कोई जासूस नहीँ
वह रत्न मुकुट-ए-हिन्द सुनो वो घास नहीँ है फूस नहीँ
चंदू चौहान बाद अब कुलभूषण पर जीत हमारी है
दुनिया भी मान चुकी है पाक बड़ा ही अत्याचारी है
अब नहीँ मरेगा साजिश से भारत का इष्ट मीत कोई
हम होने नहीँ दुबारा से देंगे अब सरबजीत कोई
हम उसको नहीँ बख्श सकते जिसमें ना बची शराफत है
अब नेहरू वाला नहीँ इंडिया, मोदी वाला भारत है
--------कवि देवेन्द्र प्रताप सिंह "आग"
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रचनाकार -कवि देवेन्द्र प्रताप सिंह "आग",
धन्य हरीश साल्वे जी जो बने मसीहा भूषण के
थूका है आज़ उन्होंने मुँह पर उस स्वराज के भूषण के
ये एक तमाचा ही समझो पाकिस्तानी मंसूबों पर
गहरा हो गया कुठाराघात पाकिस्तानी महबूबों पर
दुनिया देखे अब दौर नहीँ जब हम घुट-घुटकर जीते थे
बेबस होते सबके आगे शोणित के आँसू पीते थे
पूरब पश्चिम की सीमा पर हम नाक रगडते रहते थे
हिम्मत का था ना अता-पता दिन रात तड़पते रहते थे
लेकिन जबसे छप्पन इंची सीने की ताकत पायी है
हमने दुनिया से सीना तान-तानकर नज़र मिलायी है
सरहद के पार नहीँ मतलब, आघात भी नहीँ सह सकते
कोई यदि आँख उठाता है तो मौन भी नहीँ रह सकते
म्यांमारी सरहद का किस्सा या पाक-सर्जिकल देखा है
पाषाण ही बनकर टूटे यदि दुश्मन ने पत्थर फेंका है
माना बलिदान हुआ ज्यादा पर जयचंदों के करनी से
पर आतंकी भी पार नहीँ पाए सुनलो वैतरणी से
हमने खोले हैं हाथ बँधे दुनिया को दमखम दिखा दिया
मिन्नतें नहीँ कीं दुश्मन से उनके मुँह जूता टिका दिया
देखो पिछली सरकारों के डरपोक, कायरो चापलूसो देखो, हम तुष्टिकरण में फंसकर वह आभूषण तोड़ नहीँ सकते
असहाय मौत के मुँह में हम कुलभूषण छोड़ नहीँ सकते
भारत माता का बेटा है वह है कोई जासूस नहीँ
वह रत्न मुकुट-ए-हिन्द सुनो वो घास नहीँ है फूस नहीँ
चंदू चौहान बाद अब कुलभूषण पर जीत हमारी है
दुनिया भी मान चुकी है पाक बड़ा ही अत्याचारी है
अब नहीँ मरेगा साजिश से भारत का इष्ट मीत कोई
हम होने नहीँ दुबारा से देंगे अब सरबजीत कोई
हम उसको नहीँ बख्श सकते जिसमें ना बची शराफत है
अब नेहरू वाला नहीँ इंडिया, मोदी वाला भारत है
--------कवि देवेन्द्र प्रताप सिंह "आग"
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